Rekha mishra

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लेखनी कहानी -17-Jan-2022

        नसीहत ना  दो 

मैं हालातों का मारा इंसान हूँ। 

नसीहतों का मुझे तोहफा ना दो। 

मैं पहले ही थका हुआ हूँ 

और बोझो का झोला ना दो। 

बेशक तुम्हारे इरादे नैक हैं, 

पर मैं भी कोई वेला नहीं 

कर रहा हूं किस्मत से लड़ाई 

एक जगह बैठा तो नहीं। 

अच्छा होगा अपनी जिंदगी 

सँवारो ,मुझे अकेला छोड़ दो। 

दे सको तो साथ दो, नसीहतों 

का ग्यान भंडार ना दो। 

  By-Rekha mishra 

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2 Comments

Rekha mishra

17-Jan-2022 11:20 PM

😊

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kapil sharma

17-Jan-2022 10:45 PM

👍👍👍

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